अखिलेश यादव के एक ही वार से हिल गया पूरा गोदी मीडिया। जानिए क्या है अखिलेश का वो दांव!

अखिलेश यादव की एक सलाह से हिल गए गोदी ऐंकर है विपक्ष ने दिल खोलकर की तारीफ, राहुल गाँधी ने भी जोड़ लिया हाथ, साहिब के खिलाफ़ अखिलेश के एक दावं का नहीं मिल पाया तोड़, बेरोजगार होने जा रहे सारे गोदी एंकर, अखिलेश के दरवाजे पर टेका माथा कई गोदी चैनल के दरवाजों पर लगा ताला, गोदी अन्केरों को कड़ी धूप में दफ्तर से बाहर निकाला, रोज़ी रोटी के पड़ गए लाले दिन रात साहेब की भक्ति में लीन रहने वाले वो दी ऐंकरों की रात की नींद अखिलेश यादव ने छीन ली। विपक्षी पार्टियों की बैठक में ऐसा फॉर्मूला दे दिया जिससे रातोंरात गोदी ऐंकर बेरोजगार हो गए। कई गोदी चैनलों के दफ्तर पर ताला लग गया। आधी रात को गोदी पत्रकार सड़क पर उतर कर रोते सिसकते नजर आए। ये सब अखिलेश यादव की एक सलाह के बाद हुआ जिसपर विपक्षी मोर्चे ने मुहर लगा दी। लेकिन उससे बुरी हालात अगले हफ्ते होने जा रही है क्योंकि बड़ी बड़ी डींगे हांकने वाले हैं और झूठी खबरें दिखाने वाले एकरों को नौकरी से चैनल ने नहीं निकाला तो अगले हफ्ते से गोदी चैनलों के शटर डाउन कर दिए जाएंगे। बड़े बड़े पत्रकारों की रातोंरात छिन गई नौकरी, रास्ते पर आ गए इस साहिब के गुणगान करने वाले यूट्यूब चैनल ने भी कर दिया बैन 2022 का विधानसभा चुनाव तो याद ही होगा। उस वक्त अखिलेश यादव ने साहिब की नब्ज पकड़ ली थी। ये कैसे चंद सिक्के फेंक कर इस देश के पत्रकारों की इमान को साहब ने खरीद लिया है। उस वक्त जब जब साहेब और बाबा के गुड़गांव कोई ऐंकर गाता नजर आता था, मुस्कुराते चेहरे के साथ अखिलेश यादव उसे बस देश का सबसे ईमानदार पत्रकार बता देते थे।

इस पर अंजना ओम कश्यप की हालत देखने लायक थी जब वो अपने ही कार्यक्रम में चीखने चिल्लाने लगी थीं। लेकिन अखिलेश मुस्कुराते रहे थे। यही हालात अमिश देवगन की भी हुई थी। इस बार भी विपक्षी मोर्चे इंडिया के नाम पर कमल छाप नेता गंदगी फैला रहे थे, लेकिन गोदी इंकार बीजेपी की हाँ में हाँ मिलाने में जुटे हुए थे। जिसके बाद अखिलेश यादव ने विपक्षी मोर्चे की बैठक में सलाह दे डाली कि सबसे पहले ऐसे ही गोदी चैनलों के कान काटने होंगे। तो हत्थे चढ़ गया साहब का सबसे बड़ा भाग सुधीर चौधरी जिन्होंने साहिब को समर्पित अपने कार्यक्रम में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के खिलाफ़ झूठी खबर चला दी। फिर क्या था? हालत ये हो गयी है कि मुँह छिपाए घूम रहे हैं। उधर पुलिस ढूंढ रही हैं जिससे सारे के सारे एंकर कपकपा गए। वहीं फैसला लिया गया कि विपक्षी मोर्चे में शामिल कोई भी पार्टी ऐसे चैनल और बैंकरों के कार्यक्रम में अपने प्रवक्ता नहीं भेजेगी। ये सिर्फ एक हफ्ते की मोहलत के तौर पर है क्योंकि अखिलेश यादव का अगला प्लान और भी धासु है, जिसमें सलाह दी गई कि जीस जीस राज्य में विपक्षी पार्टी की सरकार है। वहाँ वहाँ गोदी चैनलों को विज्ञापन देना बंद किया जाए जिससे पैसा भी बचें और इनकी अगले भी ठिकाने लग जाए। विपक्षी पार्टी के प्रवक्ताओं के बैन लगने पर गोदी  ऐंकर मुस्कुरा रहे थे लेकिन जैसे ही विज्ञापन बंद होने की खबर सामने आई वैसे ही हालत खराब हो गयी क्योंकि अगर विज्ञापन बंद हुआ तो चैनल चलाना इन anchoro के बस की बात नहीं है। उसके बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है। खबर है कि बैंकरों की सूची तैयार की गई जो बात का बतंगड़ और तिल का ताड़ बनाने के लिए जाने जाते हैं और खोलकर साहिब की गुलामी करने के लिए झूठ और अफवाह फैलाने के लिए जाने जाते हैं। जल्दी ऐसे गोदी छाप एकरों को चैनल से बाहर करने का प्लैन तैयार किया गया है।



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