Delhi: जालसाजों ने BSF के DIG को दिया चकमा। ठगे लाखों रुपए!

 Delhi: जालसाजों ने BSF के DIG को दिया चकमा। ठगे लाखों रुपए!

साइबर अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट के जरिये यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में आवासी प्लाट की योजना निकालकर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के डीआइजी से लाखों रुपये ठग लिये। जालसाजों ने जेवर एयरपोर्ट के पास प्लाट दिलाने का झांसा देकर उनसे प्लाट की 25 प्रतिशत कीमत एडवांस में ले ली। पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है।

Delhi cyber crime: BSF के DIG से लाखों की ठगी

नई दिल्ली। साइबर अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट के जरिए यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में आवासी प्लॉट की योजना निकालकर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के डीआइजी से लाखों रुपये ठग लिए। जालसाजों ने जेवर एयरपोर्ट के पास प्लॉट दिलाने का झांसा देकर उनसे प्लॉट की 25 प्रतिशत कीमत एडवांस में ले ली। पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है।

दिल्ली में तैनात बीएसएफ के डीआइजी ने बताया कि उन्होंने 13 सितंबर को यमुना प्राधिकरण की वेबसाइट के माध्यम से एक प्लॉट के लिए आवेदन किया था। इसके बाद 14 सितंबर को उनके पास एक नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को प्राधिकरण का जन संपर्क अधिकारी बताया।

उसने डीआइजी से कहा कि उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। संबंधित प्लॉट की कुल कीमत 7.38 लाख रुपये है। फिर आरोपित ने शिकायतकर्ता पर ईमेल किया कि उन्हें प्लॉट की कुल कीमत की 25 प्रतिशत रकम यानि 1,84,500 रुपये जमा करने होंगे। इस पर अधिकारी ने आरोपित द्वारा बताए गए बैंक खाते में संबंधित रकम ट्रांसफर कर दी।

जिस योजना में आवेदन किया, वह चार सितंबर को हो गई बंद।


जालसाज ने 15 सितंबर को भी अधिकारी के पास फोन किया। उसने कहा कि फाइल के अप्रूवल के बाद शेष 75 प्रतिशत रकम 16 सितंबर तक जमा करानी होगी। इस बार शिकायतकर्ता को उन पर शक हो गया। उन्होंने यीडा फाइनेंस मैनेजर से जानकारी ली।
मैनेजर ने बताया कि जिस योजना के तहत आवेदन किया गया है। वह चार सितंबर को ही बंद कर दी गई है। मैनेजर ने कहा कि यह सब कुछ धोखाधड़ी है। तब पीड़ित ने मामले की शिकायत दक्षिण साइबर पुलिस थाने में दी।

जालसाजों ने निजी बैंक खाते में ट्रांसफर कराए पैसे

जालसाजों ने पीड़ित से एक निजी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कराए। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने निजामुद्दीन नाम के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए। यह खाता ग्रेटर नोएडा अल्फा एक कोटक बैंक का है।
पुलिस ने खाते के बारे में संबंधित बैंक से जानकारी मांगी है। इसके अलावा पीड़ित ने पुलिस को आरोपित का मोबाइल नंबर भी मुहैया कराया है। हालांकि, संबंधित मोबाइल नंबर ठगी के बाद से ही बंद है। पुलिस अपने स्तर पर छानबीन कर रही है।

हजारों लोगों को शिकार बना चुके हैं शातिर

जेवर एयरपोर्ट के पास भूखंड लेने के लालच ने लोगों को ठगी का शिकार बना दिया। जालसाज फर्जी वेबसाइट बनाकर आवास प्लाट योजना के बहाने नोएडा सहित एनसीआर के हजारों लोगों से

लाखों रुपये की ठगी कर चुके हैं। ऐसे मामलों में नोएडा में पचास से ज्यादा एफआइआर दर्ज हैं। आरोपित जेवर एयरपोर्ट के नजदीक प्लाट कम कीमत पर दिलाने का झांसा देते हैं।

यीडा भी जारी कर चुका है नोटिस

यमुना प्राधिकरण पूर्व में नोटिस जारी कर चुका है कि एक फर्जी वेबसाइट जेवर एयरपोर्ट के करीब उसके नोटिफाइड एरिया में आवासीय भूखंड बेचने का झांसा दे रही है।

नोटिस के मुताबिक, फर्जी वेबसाइट हूबहू यीडा की आधिकारिक वेबसाइट की तरह है। इसमें प्राधिकरण के मास्टर प्लान के साथ- साथ जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, लाजिस्टिक्स हब और दूसरे प्रोजेक्ट्स की डिटेल दी गई है। साथ ही प्लाट के रजिस्ट्रेशन के लिए बटन दिया गया है। प्राधिकरण ने निवेशकों को इससे दूर रहने की सलाह दी थी।

प्राधिकरण की अनुमति से आती है योजना

अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण भूखंडों की योजना लाते हैं। अधिसूचित क्षेत्र में बिना प्राधिकरण की अनुमति के कोई योजना नहीं आती है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। प्राधिकरण बिल्डरों के लिए योजना लाते हैं। उसके बाद बिल्डर भूखंड और फ्लैट की योजना निकालते हैं।

यह बरतें सावधानी

प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र की अवैध कॉलोनी में प्लॉट ना खरीदें। ऐसी कॉलोनियों को प्राधिकरण गिरा देता है। अगर कोई योजना निकाल रहा है तो उसकी पूरी जांच पड़ताल कर जिस प्राधिकरण की योजना है, उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक करें। संबंधित प्राधिकरण के दफ्तर में जाकर जांच पड़ताल कर सकते हैं।

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